आज काफी दिनो बाद लिख रहा हु, यु तो Facebook और twitter पर लगातार अपनी टिप्पणियाँ ज़ाहिर करता ही हु । पिछले महीने पहली बार रणथम्बोर जाने का मौका मिला , दोस्तों के साथ सैर वाक़ई अद्भुद होती है , परन्तु ये पोस्ट अपने ज़िन्दगी के बीते कुछ अच्छे लम्हों के बारे में नहीं है। ना ही मैं यहाँ पर अपने , या अपनी किसी दोस्त या अपनी सैर के बारे में कुछ अच्छा लिखने वाला हु।
सवेरे पांच बजे करीब हम पहुंचे और खुशकिस्मती से किसी दोस्त की #setting से हमें काफी अच्छे वन रक्षक मिले। काफी अद्भुद नज़ारो के बाद हम पहुँचे जंगल के मुख्य भाग पर , तभी गाड़ी में रखा टुनटूना बजता है की कुछ दूरी पर बाघ दिखा है और हम भगा के पहुँच दिए वहां पर कुछ ही लोग थे और बाघिन भी काफी अठखेलिया कर रहा थी अपने तीन बच्चो के साथ , वाक़ई झकजोर कर देने वाला नज़ारा था की जिसको दुनिया का सबसे हिंसक पशु माना जाता है किस तरह इंसानो से कहीं बेहतर अपने बच्चो के साथ खेल रही थीं तभी भारर् भररर करती हुई कई और गाड़िया … फिर और गाड़िया ....... और काफी जमावड़ा हो गया, जैसे ही उस "हिंसक " पशु को इस बारे में पता चलता है , इस कदर वहां से गायब होता है जैसे कुछ क्षण पहले कुछ था ही नहीं वहां।
हम इंसानो की प्रवृति वाक़ई भयंकर होती जा रही है , हम किसी और के घर घुसते है, घुसते चले जाते है और ये अपेक्षा करते है वो हमें कुछ न करे. वो ही हमारे घर में घुस आये तो क्या ज़िंदा वापिस जायेगा? क्या हम चुप चाप उसे उसके घर छोड़ आएंगे? बाघ तो बहुत दूर की बात है गलती से किसी और का कुत्ता भी घर के आगे से निकल जाए तो दो पत्थर ज़रूर पड़ते है उसको।
वो तो वैसे भी "हिंसक" माने जाते है तो क्यों उनके पास जाते है? क्यों उनकी दिनचर्या में खलल डालते है ? वैसे भी जंगल अब बचे कितने है? उसमे भी "टूरिज्म" का बढावे के नाम पे गाड़िया दौड़ा दी। और अगर कोई जानवर हमला कर दे तो उसे "जेल " में डाल दो?
उस दिन ये जान ने को ज़रूर मिला की जब तक आप उनको भड़काओगे नहीं उत्तेजित नहीं करोगे , वो हमला तो दूर खुद उस स्थान को छोड़ देंगे , उन्हें महसूस है की इंसान की प्रवृति क्या है , उन्हें शायद ज्ञात है की उनकी बस हुंकार ही काफी है , फिर भी हम "ज़्यादा दिमाग " वाले इंसान ये कभी समझ नहीं पाये शायद की एक जानवर क्या चाहता है। क्या वाक़ई इंसानो की अदालते ऐसे ही चलती है जहाँ हिरन को मारने वाला सुपरस्टार बन जाता है , और अपने घर में आये किसी गैर से अपने आपको बचाने की जुगत में किसी हमला करने पे जेल की सजा हो?
हम उन लोगो को राजा और बड़े बड़े नाम दे रखे है जिन्होंने बड़ी गर्मजोशी से अपने फोटो पेश किये जानवरो के शिकार की … और जानवरो को क्या मिला ?? वोही "जेल " की सलाखें । स्वयं विचार कीजियेगा...................
कृपया बाघिन और उसके बच्चो की अठखेलियों की फोटो न तराशे , ये उनके निजी पल थे जिनको मै कतई फ्रेम नहीं करना चाहूंगा।